लहूलुहान हालत में हिजड़ो की फौज पहुँची कोतवाली, काटी गई जुल्फे
कटनी। कल दोपहर करीब 3 बजे सिविल लाइन समीप दो हिजड़ा गुटों में खूनी संघर्ष छिड़ गया। पत्थर चला, चाकू चली, कैंची तक चलाई गई। आलम ये रहा कि किसी किन्नर का सिर फुटबॉल बना तो किसी का हाथ काट दिया गया। जानकारी के मुताबिक कमला मौसी और पिंकी नागवानी के दोनों गुट के बीच ट्रेन में यात्रियों से वसूली को लेकर युद्ध छिड़ा। एक किन्नर गुट ने किराए के गुंडे बुलाकर दूसरे गुट के किन्नरों पर जान लेवा हमला करवा दिया। जिससे कई किन्नर गम्भीर रूप दे घायल हो गए। लहूलुहान हालत में घायल हिजड़ा गुट कोतवाली जा पहुँचा। सबसे मजेदार बात ये है कि इस खूनी संघर्ष को कोतवाली थानेदार मामूली घटना बता रहे हैं।
जबकि इस युद्ध क्षेत्र में एक गुट ने दूसरे गुट पर जानलेवा हमला बोल दिया। इतना ही नहीं एक किन्नर गुट ने दूसरे किन्नर गुट के खिलाफ पहले भी पुलिस अधीक्षक, थाना कोतवाली से लेकर जीआरपी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन निक्कमी पुलिस कार्रवाई करने की जगह इसी खूनी संघर्ष का इंतजार था.?
सबसे बड़ी और चौकाने वाली बात ये है कि इतनी बड़ी घटना घटने के बावजूद मामला कायम कर गुंडों को दबोचने की जगह कोतवाली थानेदार दोनों पक्षों को समझाईस देने में लगे रहे। जबकि यह कोई छोटी मोटी घटना नहीं है। किन्नरों के बीच हुए यद्ध में गुंडों ने किसी पर पत्थर बरसाये तो किसी ने चाकू बाजी कर लहूलुहान कर दिया गया। कोतवाली में ही घायल किन्नर अचेत पड़े रहे, और कोतवाली थानेदार को यह घटना मामूली नजर आ रही थी। तो क्या थानेदार के अनुसार हत्या हो जाने पर ही घटना को बड़ा माना जाता.?
खैर घायल अवस्था में पहुँचे आक्रोशित किन्नरों ने कोतवाली में ही हंगामा मचाना शुरू कर दिया, और आरोपियों पर कठोर कार्रवाई के लिए अड़े रहे। हालांकि घायल किन्नरों का जिला अस्पताल में इलाज जारी रहा।
रवि कुमार गुप्ता संपादक
( जन आवाज )
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