क्या राहुल बिहारी गैंग का इतिहास समाप्त हो गया.?

कटनी। राहुल बिहारी गैंग का सिंधी समाज के युवा व्यापारी रॉकी उर्फ राकेश मोटवानी पर कातिलाना हमला के बाद भाजपा विधायक संदीप जायसवाल के आमंत्रण में लगाया गया जनता दरबार में मौजूदा तमाम व्यापारी सामाजिक वर्गों के गुस्से की आंधी इस कदर चली की एक - एक कर पुलिस से लेकर जिला प्रशासन में बैठे तमाम अफसरानों के कपड़े उतर गए.? कटनी में जो पुलिस महकमे के हाल है और जितने आरोपो की झड़ी जनता दरबार में जनता ने लगाए शायद ही ऐसा कभी हुआ होगा पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन के कार्यकाल में.? अनैतिक कार्य जैसे स्पा सेंटर की आड़ में वैश्या वृत्ति, जुआ, सट्टा, स्मैक, गांजा, अवैध शराब, लूट, अपहरण, वसूली, जमीनी कब्जा, हत्या, हत्या का प्रयास, मकानी बुलडोजर जैसे माफियाओं ने अनगिनत कांड कर शहर को अपने बाप की बपोती बना जकड़ कर रख लिया है.?

शायद ही इतनी अराजकता ने कभी इतना शोर मचाया हो जितना अभिजीत कुमार रंजन के होते सुनाई और दिखाई दे रहा है.? उसके बावजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री जिनके पास ग्रह विभाग भी है कठोर कार्रवाई करना तो दूर की बात उनके कानों में जूं तक नहीं रेंगी। अब तक तो मुख्यमंत्री मोहन यादव को पुलिस अधीक्षक का तबादला नीति की छड़ी घुमा देनी चाहिए थी। लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ना जाने क्यों इतना सब होने के बावजूद पुलिस अधीक्षक को अभय दान से नवाजते हुए आशीर्वाद का कवच पहनाए हुए हैं.? जिसकी बानगी ये देखने को मिल रही है कि पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन अपना दामन साफ करने के चक्कर में अपने हाथ के नीचे काम करने वाले थाना और चौकी पुलिसिया पर तबादला एवं लाईन हाजिर का चाबुक चला जनता के सामने हरिश्चंद्र बनने का प्रयास किया जा रहा है। 

खैर मोटवानी हमला के मुख्य सूत्रधार राहुल बिहारी का पुलिस गिरफ्त में आने के बाद मामला ठंडे बस्ते में जाता हुआ दिखने लगा है। कहीं ऐसा न हो बांझ कोख से फिर एक नये बिहारी गैंग का जन्म नाजायज तरीके से हो, और डरी, सहमी जनता पापा - पापा कहने को मजबूर हो जाये.? ये तो रही खाकीवर्दी की कहानी का छोटा सा अधूरा अध्याय। 

इसी कड़ी में जिस जनता दरबार ने जिला प्रशासन यानी राजस्व विभाग के कपड़े उतारे हैं? मानो पूरा विभाग नग्न हालात में नजर आया? आलम ये रहा कि पुलिस और जिला प्रशासन से पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने वाला अधिवक्ता खुद न्याय की ओर टकटकी लगाये निहार रहा हो।

रवि कुमार गुप्ता : संपादक 

( जन आवाज )

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