हवाला कांड मामले का मुख्य आरोपी सत्ताधारी नेता की बढ़ा सकता है मुश्किलें, जांच प्रभावित करने के लिए तत्कालीन एसपी गौरव तिवारी का हुआ था तबादला
कटनी। जिले के बहुचर्चित हवाला कांड से जुड़ा प्रकरण ईडी स्पेशल कोर्ट जबलपुर को ट्रांसफर होने के बाद हड़कंप मच गया है। कहा जा रहा है कि इस प्रकरण में पुलिस की जांच से बच निकले लोगों पर अब ईडी शिकंजा कस सकती है। न्यायालय से अनुमति लेकर यदि ईडी द्वारा पुलिस की विवेचना पर फिर अनुसंधान किया जाता है तो और भी लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती है और आरोपी भी बढ़ सकते हैं। मामले में पहले भी पुलिस पर राजनीतिक दबाव में काम करने के आरोप लग चुके हैं। आपको बताते चलें कि अपने आप को बचाने के चक्कर में एक सत्ताधारी सफेदपोश और बिजनेसमैन ने अपने पद और पॉवर के बल पर रातों रात तत्कालीन एसपी गौरव तिवारी का अचानक तबादले करा दिया गया था।जिस पर शहरवासियों ने विरोध किया था और कहा था कि राजनीतिक दबाव के चलते जांच प्रभावित करने एसपी को हटाया गया है। आमजन चर्चाओं पर भरोसा करें तो यदि एक रात गौरव तिवारी और कटनी में रुक जाते तो तश्वीर उस समय कुछ और होती।
जानकारी के अनुसार कोतवाली पुलिस ने वर्ष 2016 में गरीबों के नाम पर बोगस कंपनियां खोलकर करोड़ों रुपए के ट्रांजेक्शन करने को धोखाधड़ी मानते हुए एफआइआर दर्ज की थी। करीब आठ वर्षों बाद ईडी द्वारा न्यायालय में आवेदन देकर प्रकरण को ईडी स्पेशल कोर्ट स्थानांतरित किए जाने की मांग से लगता है कि ईडी को प्रकरण में अहम सुराग हाथ लगे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि यदि ईडी न्यायालय से अनुमति लेकर अनुसंधान करती है तो प्रकरण में आरोपियों की संख्या और भी बढ़ सकती है।
इसलिए जुड़ा था सत्ताधारी नेताओं का नाम
हवाला व धोखाधड़ी के इस प्रकरण में मुख्य आरोपी सतीश सरावगी है। जो सत्ताधारी नेताओं के करीबी रहे हैं और कारोबार को संभालता था। सतीश का नाम सामने आने के बाद अंगुली उठी थी, लेकिन जांच एजेंसियों के हाथ नहीं पहुंचे थे। लेकिन अब उस सत्ताधारी नेता और सतीश सरावगी के बीच संबंध खराब होने के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि सरावगी मुख्य आरोपी होने के चलते सत्ताधारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यानी "हम तो डूबेंगे सनम तुमको भी ले डूबेंगे" की तर्ज पर मामला नजर आ रहा है।
आरोपी जबलपुर कोर्ट में होंगे पेश
कटनी जिला अदालत से ईडी स्पेशल कोर्ट जबलपुर स्थानांतरित केस पर सुनवाई 23 दिसम्बर को होगी। कटनी कोर्ट ने मामले के आरोपियों में एक्सिस बैंक के तत्कालीन अकाउंट अधिकारी मोहम्मद यासीन की हुई थी। इसके पूर्व नरेश बर्मन निवासी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी माधवनगर, नरेश पोद्दार निवासी गांधीगंज, दस्सू पटेल निवासी शास्त्री वार्ड कुठला, मनीष सरावगी घंटाघर, सतीश सरावगी घंटाघर, मानवेंद्र मिस्त्री बालाजी नगर, संदीप बर्मन शिवाजी नगर को जबलपुर कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं।
यह सब हुआ था खास
रजनीश ने मानवेंद्र मिस्त्री को प्राइवेट जॉब के लिए निक्की डेविट के घर पर अपनी आइडी व दूसरे दस्तावेज दिए थे, जिनका किया गया था दुरुपयोग।विनय जैन द्वारा दी गई शिकायत पर भी 12 जुलाई 2016 को दर्ज हुई थी एफआईआर, आयकर विभाग से मिले नोटिस के बाद पता चला कि उनके नाम पर महादेव ट्रेडिंग फर्म चल रही है, खाता एक्सिस बैंक में है।
उमादत्त हल्दकार की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने तत्कालीन एसपी गौरव तिवारी के निर्देश पर 13 जुलाई 2016 को दर्ज की थी एफआईआर।
अमर दहायत की शिकायत पर 22 दिसंबर 2016 को चौथी एफआईआर दर्ज हुई थी, होमगार्ड जवान के बेटे अमर का आरोप था कि वे कोयला व्यापारी संतोष गर्ग के ऑफिस में काम के दौरान उनके नाम से एक्सिस बैंक में अमर ट्रेडर्स के नाम से खुले खाते में लाखों का लेनदेन हुआ।
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) इंदौर द्वारा मनी लांड्रिंग पर दर्ज अपराध में शुरू की थी जांच, मानवेंद्र मिस्त्री, सतीश सरावगी से की गई थी पूछताछ।
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