क्या मोदी बीजेपी के स्टार प्रचारक भावशून्य हो गये हैं तभी बना रहे घिनौने अपराधी को मांझी

 खरी-अखरी (सवाल उठाते हैं पालकी नहीं) 


देशभर में इस बात की चर्चा हो रही है कि भाजपा और चुनाव आयोग ने एकबार फिर साबित कर दिया है कि उसे जनतंत्र पर भरोसा नहीं है तभी तो हरियाणा विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में एकबार फिर से बलात्कार और हत्या के अपराध में सजायाफ्ता राम रहीम सिंह को पैरोल पर रिहा कर दिया है। उससे ज्यादा शर्मनाक पहलू यह है कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट किंकर्तव्यविमूढ़ बना सब कुछ खुली आंखों देख रहा है। राम रहीम सिंह को इलेक्शन के पहले पैरोल पर रिहा करने की लम्बी फेहरिस्त है। फरवरी 2021 में 21 दिन की पैरोल दी गई थी जब पंजाब विधानसभा चुनाव होने वाले थे। इसके बाद हरियाणा नगर निकाय चुनाव के समय जून 2022 में 30 दिन की पैरोल पर सींखचों से बाहर लाया गया। आदमपुर सीट पर जब चुनाव हो रहा था तब भी बलात्कारी व हत्यारे को अक्टूबर 2022 में 40 दिन की पैरोल पर रिहा कर दिया गया था। इतना ही नहीं हरियाणा के पंचायत चुनाव के दौरान भी दुर्दांत को जुलाई 2023 में 30 दिन तथा राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान नवम्बर 2023 में 21 दिन की पैरोल दी गई थी। 2024 में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी सजायाफ्ता को जनवरी 2024 में डेढ़ महीने से ज्यादा (50 दिन) समय के लिए जेल से बाहर निकाला गया है। मोदी बीजेपी सरकार ने हदों की सीमाएं लांघते हुए बलात्कार और हत्या के जुर्म में सजा काट रहे राम रहीम सिंह को पहले अगस्त 2024 को 21 दिन और एक महीने बाद फिर से अक्टूबर 2024 को 21 दिन की पैरोल पर सींखचों से बाहर निकाल दिया है वह भी हरियाणा विधानसभा चुनाव के चलते हुए।

लगता तो यही है कि अब मोदी बीजेपी के लोगों को ही मोदी की लोकप्रियता पर भरोसा नहीं रह गया है तभी तो स्त्रियों के मान सम्मान और सुरक्षा की डींगें हांकने वाली मोदी बीजेपी सरकार बलात्कारियों और हत्यारों के भरोसे चुनावी नैया पार करना चाहती है। क्या राम रहीम सिंह बीजेपी का अघोषित स्टार प्रचारक नम्बर एक है या तुरुप का इक्का है ? जहां तक चुनाव आयोग की बात है तो वह 2014 के बाद से ही रीढ विहीनता का शिकार होकर कठपुतली की तरह मोदी सरकार के ईशारे पर नाचते हुए दिखाई दे रहा है।

नरेन्द्र मोदी के पतित होते आभामंडल का इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है कि अब तो भाजपा की स्टार प्रचारक की लिस्ट में शामिल नेता ही मोदी और शाह के कहे को झुठलाने लगे हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव में पंचकूला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे बीजेपी उम्मीदवार ज्ञानचंद गुप्ता के लिए वोट मांगने आये हिमाचल प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष डॉ राजीव विंदल से पत्रवार्ता में खबरी प्रसाद समाचार पत्र के प्रतिनिधि ने जब मोदी उवाच 15 लाख रुपये का सवाल उठाया तो विंदल ने सिरे से ही नकार दिया कि मोदी ने ऐसा कुछ कहा है। जब पत्र प्रतिनिधि ने मोदी के 15 लाख रुपये देशवासियों के खाते में जमा होने और अमित शाह द्वारा मोदी के (15 लाख रुपये वाले बयान) कहे को चुनावी जुमला कहने वाला वीडियो/आडियो दिखाना चाहा तो राजीव प्रेसवार्ता ही समाप्त कर चलते बने। हिमाचल बीजेपी प्रमुख राजीव विंदल पूरे टाईम हरियाणा के दस साला कार्यकाल की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने के बजाय हिमाचल की कांग्रेसी सरकार को कोसते रहे।

आज शाम चुनावी शोरगुल थम जायेगा। 5 अक्टूबर को डाले जाने वाले वोट के नतीजे ही तय करेंगे कि हरियाणा के वोटर पर बीजेपी के घोषित और अघोषित टाप स्टार प्रचारक का कितना प्रभाव पड़ा। बीजेपी की नई नवेली सांसद कंगना और घिसे-पिटे बुजुर्ग नेता खट्टर के किसानों पर दागे गये जहरीले तीरों का क्या असर हुआ।

अश्वनी बडगैया अधिवक्ता

स्वतंत्र पत्रकार

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