विनेश फोगाट का अंतिम चरण में डिसक्वालीफाई होना दुर्भाग्यपूर्ण _पूछता है भारत कहां हैं एक फोन काल पर युद्ध रुकवा देने वाले तथाकथित नाॅन बायोलाॅजिकल महामानव_

 खरी-अखरी (सवाल उठाते हैं पालकी नहीं) 


पेरिस में चल रहे ओलिंपिक 2024 की कुश्ती प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही महिला पहलवान विनेश फोगाट को 50 किलोग्राम वाली फाइनल कुश्ती में भाग लेने से मात्र इसलिए डिसक्वालीफाई कर दिया गया कि नाप-तौल में उसका वजन 50 किलो 100 ग्राम पाया गया। यह अलहदा बात है कि ओलंपिक के अपने नियम कायदे होते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि विनेश फोगाट उस देश का प्रतिनिधित्व कर रही है जिस देश के प्रधानमंत्री को तथाकथित भक्त मंडली, जिसमें गोदी मीडिया भी शामिल है, यह कहने से नहीं थकती कि वे दुनिया के सबसे ताकतवर पीएम हैं। उनकी मर्जी के बिना दुनिया में एक पत्ता तक नहीं हिलता। उनके एक फोन से युद्ध रुक जाते हैं।

चौपालों पर चर्चाएं चल रही हैं कि इतने पावरफुल पीएम के देश की महिला पहलवान विनेश फोगाट को डिसक्वालीफाई करने का साहस ओलिंपिक कमेटी कैसे कर पाई ? इस बात की भी चर्चा हो रही है कि विनेश फोगाट के फाइनल में पहुंचने के बाद सोशल मीडिया पर जिस तरह से पीएम नरेन्द्र मोदी को ट्रोल किया गया कहीं उसी का सबक सिखाने लेने के लिए दुनिया के तथाकथित पावरफुल पीएम ने ओलिंपिक कमेटी के मेम्बरान को फोन कर फोगाट को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए तो नहीं कह दिया। कहा भी जाता है कि "मोदी है तो मुमकिन है"।

इस बात पर इसलिए भी जोर दिया जा रहा है कि यह वही विनेश फोगाट है जिसने नरेन्द्र मोदी की गुड लिस्ट में शामिल रहे मंत्री और राष्ट्रीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष द्वारा महिला पहलवानों के साथ तथाकथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर किये गये आन्दोलन में खुलकर भागीदारी की थी। नरेन्द्र मोदी ने अपने कृपापात्र को मंत्री पद से बर्खास्त करने की कोई जहमत तो उठाई नहीं उल्टे मोदी की पुलिस ने जंतर-मंतर पर आन्दोलन कर रही महिला पहलवानों को अमानवीय तरीके से सड़कों पर घसीट - घसीट कर बेटी बचाओ नारे की अर्थी निकाली। यह भी कहा जा रहा है कि यौन उत्पीड़न के खिलाफ चलाये गये आन्दोलन का हिस्सा रही विनेश फोगाट का फाइनल में पहुंचना और उसके बाद खिलाड़ियों सहित समाज के बड़े तबके द्वारा नरेन्द्र मोदी को ट्रोल किये जाने का दुष्परिणाम तो नहीं भोग रही है फोगाट।

ओलिंपिक कमेटी की रीतियों-नीतियों, कायदे-कानूनों को जानने वाले जानते हैं कि वहां दुनिया के किसी भी ताकतवर कहे जाने वाले की बात को कोई तब्बजो नहीं दी जाती है। वहां का शेर तो ओलंपिक कमेटी ही होती है बाकी तो अपनी गली के श्वानों के माफिक शेर होते हैं।

चलते-चलते

पेरिस ओलिंपिक 2024 में अपने वर्ग के क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में वर्ल्ड चैम्पियन और ओलिंपिक चैम्पियन महिला पहलवनों को परास्त करने वाली विनेश फोगाट को ना तो पीएम नरेन्द्र मोदी ने बधाई दी और ना ही प्रतियोगिता से डिसक्वालीफाई करने पर दुख जताया  ! जिससे अंदाजे लगाये जा रहे हैं कि मोदी ने मन में फोगाट को लेकर कितनी मोटी नफरती परत चढ़ हुई है ! फोगाट पदक लाती तो देश का ही नाम रोशन करती मगर कुछ लोगों के लिए तो देश बड़ा खुद का अहंकार होता है!

अश्वनी बडगैया अधिवक्ता

स्वतंत्र पत्रकार

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