देश की बड़ी अदालत दे दी राहत भरी सांसें
खरी-अखरी (सवाल उठाते हैं पालकी नहीं)
मछली - मीट - मदिरा - मुजरा की कीमत अयोध्या लोकसभा सीट हार कर चुकानी पड़ेगी इसकी कल्पना तो नरेन्द्र मोदी - अमित शाह ने सपने में भी नहीं की होगी मगर हो गया। अयोध्या की हार से मिले जख्म को राहुल गांधी - अखिलेश यादव ने लोकसभा में राष्ट्रपति भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की औपचारिकता के दौरान दिये गये भाषणों ने ना मिटने वाले नासूर में बदल दिया। अयोध्या की हार पर तड़का लगा दिया उपचुनाव में उत्तराखंड की धार्मिक नगरी में मिली करारी पराजय ने। नीम चढ़े करेलों ने पराजय का ठीकरा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के माथे पर फोड़ने के लिए कुछ सिपहसलारों (मंत्री - विधायक) को आगे किया मगर राजनीतिक चालबाजियों को समझ चुके यूपी सीएम ने कट्टर हिंदुत्व का पांसा कावंड़ियों के कांधे रखकर फेंका - कांवड़ यात्रा के रास्ते आने वाले सभी दूकानदारों को अपनी दुकान में नामावली लगानी होगी अन्यथा फिर वही होगा जो जय श्री राम को किनारे लगाकर आये हैं जय जगन्नाथ का नारा लगाने वाले चाहेंगे !
योगी आदित्यनाथ ने ऐसी चाल चली जिसने मोदी - शाह की हालत सांप - छछूंदर की करके रख दी। सप्ताह भर के भीतर एकबार भी मोदी - शाह ना तो योगी फरमान का समर्थन कर पा रहे थे ना ही विरोध। यूपी मुख्यमंत्री के तुगलकी फरमान का विरोध विपक्षी पार्टियों तो कर ही रही हैं मोदी की बैसाखियों के भी विरोधी स्वर निकल रहे हैं। आन्ध्रा वाले बाबू की राजनीति की प्राणवायु ही वही समुदाय है जिसका विरोध भाजपा की प्राणवायु है। देश का मोदी परस्त मीडिया भले ही अपनी कलम तोड़ बैठा हो मगर अन्तरराष्ट्रीय मीडिया में योगी के फरमान पर आलोचनात्मक कमेंट किये जाने की खबरें मिल रही हैं। कहा जाता है कि इसने भी मोदी की बैचेनी बढ़ा दी है ! भला हो सुप्रीम कोर्ट का जिसने यूपी सरकार के तथाकथित तुगलकी आदेश पर स्थगन आदेश जारी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जितनी राहत कांवड़ यात्रा के रास्ते में दुकान लगाने वालों को मिली होगी उससे सौ गुना ज्यादा राहत की सांस तो मोदी - शाह ने ली होगी !
खबर तो यह भी सुनने को मिली है कि सीएम की कुर्सी पर बैठते ही खुले में मीट मटन बेचने तथा मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान देने पर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करने वाले एमपी ने भी यूपी के रास्ते चलने का मन बना लिया था मगर ना जाने क्यों कदम डगमगा गये ! यह तो दिखने लगा है कि योगी ने मोदी के कट्टरवादी हिन्दुत्व का स्थान ले लिया है और अब योगी ही संघ की पहली पसंद बनने की कगार पर खड़े दिख रहे हैं। संघ लोकसभा चुनाव में भाजपा के बहुमत से दूर रहने, संघ के ना चाहते हुए भी पीएम की कुर्सी हथियाने से नरेन्द्र मोदी से नाराज चल रहा है ! जिसकी झलक संघ प्रमुख और दूसरे पदाधिकारियों के बयानों में देखने को मिली भी है। बड़ी अजीब सी त्रिकोणात्मक स्थिति बनी हुई दिख रही है, संघ को मोदी नहीं सुहाता - मोदी को योगी फूटी आंखों नहीं भाता - मोदी - योगी कोई भी अपनी कुर्सी से हटना नहीं चाहता ! मगर आज नहीं तो कल दोनों का जाना भी तय सा दिखता है !
अश्वनी बडगैया अधिवक्ता
स्वतंत्र पत्रकार
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