सूचना क़े 6 घंटे बाद पहुँचे साहब,चौकीदार का शव रखकर ग्रामीण घंटो करते रहे इंतजार
कटनी। एनकेजे थाना क्षेत्र क़े ग्राम सरसवाही में स्तिथ नर्सरी में चौकीदार अजय त्रिपाठी का शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फेल गई। धीरे धीरे करके पूरा गांव इकठा हो गया है। ग्रामीणो ने इसकी जानकारी वन विस्तार अधिकारी को दी। अब साहब क़े पास भला कहा समय है.। और हद तों तब हो गई ज़ब उनका कोई अधीनस्थ कर्मचारी भी मौके पर नहीं पहुंचा। थक हार कर ग्रामीणो ने जानकारी एनकेजे पुलिस को दीं। थाना प्रभारी सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा। ग्रामीणो कि बात सुनी और शव को पी.एम. क़े लिए ले जाने कि बात कि परन्तु ग्रामीणजन् जो रेंजेर साहब से मिले बिना बॉडी ना ले जाने कि बात पर अडिग रहे। पुलिस ने भी थक हार कर रेंजर साहब से सम्पर्क किया पर साहब तों साहब है ना उनके लिए उनके कर्मचारी की मृत्यु कहा मायने रखती है। साहब ने तो कह दिया आ रहा हूँ.? अब पता नहीं साहब कौन से वाहन से आ रहे थे..? ये तों साहब ही बता सकते है। उन्हें वहां पहुंचने में 6 घंटे लग गए। चलिए मान लेते है साहब कही व्यस्त रहे होंगे पर मजाल है कोई कर्मचारी ही दुखी परिवार का हाल पूछ ले।
सुरक्षा उपकरणो कि कमी
नर्सरी में काम कर रहे चौकीदारों को ना तों साहब ने लॉन्ग बूट ना ही टॉर्च उपलब्ध कराई है। चौकीदारी क़े दौरान बिना लॉन्ग बूट क़े काम कर रहे चौकीदार को कोई भी जहरीले सर्प, या अन्य जहरीले कीड़े काट सकते है। पर इससे साहब को क्या जान तों कर्मचारी कि जाएगी।
चौकीदार को नहीं मिला था 6 माह से वेतन
सूत्रों कि माने तों चौकीदार जिसका शव मिला है उसे 6 महीने से साहब ने वेतन ही नहीं दिया था।
जबलपुर में बैठ क़े चल रही नर्सेरी
ग्रामीणो का कहना है कि साहब को तों नर्सरी आने का समय ही नहीं है। साहब क़े प्राइवेट कर्मचारी नर्सरी को चला रहे है। अगर अधीनस्थ कर्मचारी समस्या को लेकर साहब से बात करनी हो तों उनक़े प्राइवेट कर्मचारी से पहले बात करनी पड़ती है।
6 महीने पहले भी चौकीदार अजय त्रिपाठी पर आत्मघाती हमला हुआ था
वह अचेत अवस्था में ग्रामीणो को मिला था। ग्रामीणो ने त्तपरता दिखाते हुए चौकीदार कि जान बचाई थी।
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