बेचारा पति! वर्दी पाते ही पत्नी बनी मेमसाहब, भूल गई मजदूरी कर पढ़ाने का एहसान, कहा- तलाक दो नहीं तो...

बेगूसराय। यह अजब-गजब मामला बेगूसराय जिला के साहेबपुर कमाल प्रखंड के सनहा गांव का है। यहां की रहने वाले रामविनय राय की पुत्री रोशनी कुमारी की शादी साल 2013 में बेगूसराय जिले के बखरी प्रखंड के पृथ्वी राय के पुत्र विजय कुमार से हुई थी। शादी के बाद से परिवार खुशहाल था। रोशनी की सास कौशल्या देवी बताती हैं कि बहू को पढ़ने का शौक था हमने मकई, गेहूं और धान बेचकर पढ़ाया।

आज जो खबर हम आपको बताने जा रहे हैं वह खबर कम बालीवुड की फिल्म की स्टोरी ज्यादा है। आपको याद होगा पिछले साल उत्तर प्रदेश में SDM ज्योति मौर्य और आलोक की कहानी ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। अब ऐसा ही एक मामला बिहार के बेगूसराय से सामने आया है। यहां की कहानी और भी जबरदस्त है। यहां एक पति ने अपनी पत्नी को मजदूरी कर 11 साल तक खिलाया, पिलाया और पढ़ाया। पति की मेहनत और पत्नी की किस्मत रंग लाई। पत्नी का चयन सिपाही के रूप में हो गया।

अब यहीं से असली कहानी की शुरूआत होती है। जैसे ही पत्नी सिपाही बनी कुछ दिन तक तो सब कुछ ठीक ठाक चला। लेकिन फिर धीरे-धीरे वर्दी का रौब आखिर आने ही लगा और सबसे पहले यह रौब झाड़ा गया अपने ही पति पर। महिला सिपाही का उसका मजदूर पति अब भा नहीं रहा था। उसने उससे तलाक मांगना शुरू कर दिया। अब बेचारा पति तो समझ ही नहीं पा रहा था आखिर यह क्या हो गया…मैंने तो अपनी मेहनत में कोई कमी नहीं छोड़ी थी. फिर ये क्यों?

ट्रेनिंग के दौरान ही पति-पत्नी के रिश्तों में दरार आना शुरू हो गई। लेकिन जैसे ही रोशनी की ट्रेनिंग पूरी हुई रिश्ता पूरी तरह से बदल गया वह अपने मजदूर पति से तलाक मांगने लगी। बात तो यहां तक बढ़ गई जब रोशनी ने तलाक मांगना शुरू कर दिया। रोशनी ने अपने पति से कहा कि तुम मुझे सीधे तरह से तलाक दे दो नहीं तो मैं तुम्हारी हत्या करवा दूंगी।

ससुराल वालों ने थाना में करवाई पंचायती

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता दीपक आजाद ने बताया कि हम लोगों ने पति पत्नी को मिलने के लिए सामाजिक स्तर पर बखरी थाना में पंचायती भी करवाई। विजय ने बताया कि वह अपने स्तर से पूरी कोशिश करने में लग गया कि रौशनी अपने निर्णय को छोड़ दे मेरे साथ रहे। फिर रोशनी के पिता और भाई विजय भी रोशनी की तरफ से तलाक दिलवाने के लिए दबाव बनाने लगे।

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