मोदी परस्त गोदी मीडिया तो चक्की उड़ने पर उतारू !

कटनी। 2024 के आम चुनाव का ऊबाऊ दौर 01 जून को सातवें चरण की वोटिंग के साथ ही समाप्त हो गया। मतदान के दौरान चुनाव आयोग और उसकी ऐजेंसी के कारिंदों ने क्या - क्या गुल खिलाये हैं इसका खुलासा 04 जून को ईवीएम का पिटारा खुलते ही सामने आने लगेगा। 01 जून को मतदान समाप्त होने की समय सीमा शाम 6 खत्म होते ही ठीक आधे घंटे बाद गोदी मीडिया ने जीत - हार के पूर्व निर्धारित आंकडों वाले एग्जिट पोल (संभावित आंकड़े) को प्रसारित - प्रचारित करना शुरू कर दिया। जिसमें जैसा कि पहले से ही जनता को पता था कि गोदी मीडिया नरेन्द्र मोदी और उसके एलायंस की तीसरी बार बड़े मार्जिन के साथ सत्ता में वापसी करता हुआ बतायेगा और वही उसने बताना शुरू कर दिया है। देश में स्ट्रीम मीडिया के अलावा सोशल मीडिया भी है, उसने भी अपने संभावित आंकड़ों को जारी किया है जो स्ट्रीम मीडिया से मेल नहीं खाते हैं।

एग्जैक्ट पोल (वास्तविक आंकड़े) तो 4 जून को आयेंगे कि हकीकत में कौन  सी पार्टी देश में राज करेगी। मगर स्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया ने जिस तरह से एक - दूसरे से उलट संभावित आंकड़े जनता के बीच परोसे हैं उससे कहा जा सकता है कि दोनों ने ही अपनी विश्वसनीयता को दांव पर लगा दिया है। देखना है कि किसके आंकड़े वास्तविकता के करीब खड़े होते हैं। फिलहाल स्ट्रीम मीडिया ने जो संभावित आंकड़े जारी किए हैं उसने ही स्ट्रीम मीडिया पर उंगली उठा दी है। चावल की हांडी के चंद दानों की तरह देखें तो बिहार में एलजेपी कुल 5 सीटों पर चुनाव लड़ रही है मगर स्ट्रीम मीडिया उसे 4 से 6 सीटों पर विजयी होने का अनुमान बता रहा है। इसी तरह हरियाणा में लोकसभा की कुल 10 सीटें हैं जिन पर बीजेपी को 16 से 19 सीटें मिलने की संभावना बताई जा रही है। इतना ही नहीं इसी कड़ी में हिमाचल को भी रखा गया है। हिमाचल में कुल 04 लोकसभा सीटें हैं यहां भी मोदी परस्त गोदी स्ट्रीम मीडिया ने भाजपा को 06 से 09 सीटें जीतने की संभावना व्यक्त की है।

यह बात संतोषजनक कही जा सकती है कि मोदी परस्त गोदी मीडिया ने लोकतंत्र को सांसें लेने की मोहलत देते हुए भाजपा को 543 लोकसभा सीटों में से मोदी के कहे मुताबिक अधिकतम 400 तक सीटें ही मिलने की संभावना व्यक्त की है वरना मोदी परस्त गोदी मीडिया तो लोकतंत्र का गला घोंटते हुए अपने एग्जिट पोल में भाजपा को 543 में से 600 सीटों के जीतने की भी संभावना व्यक्त कर सकता था।

 

अश्वनी बडगैया अधिवक्ता

स्वतंत्र पत्रकार

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