नदियां जीवनदायिनी है इसे दूषित न करें - महापौर

कटनी। प्रकृति ने हमें जीवन जीने के लिए धरती पर वह सब दिया है जिसकी मानव जीवन में सबसे अधिक आवश्यकता होती है। उनमें से कुदरत ने हमे एक महत्वपूर्ण चीज से नवाजा है और वह है जीवनदायिनी नदी, बस जरूरत है उसे सहेज कर रखना। लेकिन अरसे से देखा जा रहा है कि मानव समाज यहाँ तक की बेजुबान जानवरों को जीवन देने वाली जीवनदायिनी नदियां अपना अस्तित्व खोती जा रही है और जीवन देने वाली जीवनदायिनी खुद अपना भविष्य बचाने के लिए हर एक इंसान की ओर टकटकी लगाए निहार रही है।

जीवनदायिनी का दर्द भांपते हुए महापौर प्रीति सूरी ने नजरें इनायत करते हुए जीवनदायनी नदियों एवं अन्य जल स्त्रोतों को संरक्षित करने का बीड़ा उठाया। लेकिन जीवन देने वाले तमाम स्रोतों को बचाये रखना केवल एक व्यक्ति के बस की बात नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण मानव समाज को इसकी जिम्मेदारी लेते हुए प्रयास करना होगा तब कहीं आगे चलकर हम आने वाले कल को नया भविष्य दे पाने में सफल हो पाएंगे। 

जानकारी के अनुसार प्रदेश भर में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जन सहयोग के माध्यम से जल स्रोतों नदी, तालाबों, रपटा, कुआं बावड़ी के संरक्षण एवं पुनर्जीवन हेतु अभियान चला कर विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। इस अभियान में अपनी सहभागिता देते हुए महापौर प्रीति संजीव सूरी द्वारा आज नगर निगम सीमांतर्गत मोहन घाट का पैदल भ्रमण कर निरीक्षण किया गया। मोहन घाट में जलकुंभी की सफाई हेतु लगे कर्मचारियों से जानकारी लेते हुए घाटों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने हेतु निर्देशित किया गया।

इस दौरान महापौर सूरी द्वारा स्थानीय लोगों को नदियों का महत्व समझाते हुए कहा कि नदियां जीवनदायिनी हैं। ये हमारी सनातन परंपरा की वाहक है, इसीलिए ये सदियों से पूज्य हैं। इनकी हम सभी को रक्षा करनी चाहिए। इन्हें न तो दूषित करें और न ही किसी को करने दें। यदि हमने ऐसा नहीं किया तो नदियां लुप्त हो जाएंगीं। 

इस दौरान एमआईसी सदस्य सुभाष साहू, डॉ रमेश सोनी, पार्षद शकुंतला सोनी, सीमा श्रीवास्तव, ओमी अहिरवार, लव साहू, उपयंत्री अश्वनी पांडे, मृदुल श्रीवास्तव एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

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