जहां जहां पग पड़े संतों के तहां तहां बंटाधार

कटनी। जी हां कटनी पुलिस विभाग में एक उप नीरीक्षक हैं, नाम है अंकित मिश्रा। अंकित का विवादों से पुराना नाता है या यूँ कहें चोली दामन का साथ है। जहां भी ये पदस्थ रहे वहां कुछ ना कुछ ऐसा जरूर हुआ जिसने खाकी को शर्मसार करके रख दिया। जब इन्हें बड़वारा थाना की कमान सौंपी गई तो वहां के भदौरा ईलाके के रहने वाले रविकांत कुशवाहा नामक युवक को हिरासत में लेकर थाना पहुंच गए और दूसरे दिन वह लड़का गायब हो गया।

 हैरान करने वाली बात ये है, कि चंद दिनों बाद उसकी लाश पेड़ पर लटकती मिली। परिजनों ने अंकित मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए। जिसके बाद मामले की जाँच कोतवाली के तत्कालीन थानेदार अजय बहादुर सिंह को दे दी गई। वक्त बीतता गया लोग भूलते गए और मामला ठंडे बस्ते के हवाले हो गया। इसके बाद बड़वारा के एक दंपत्ती सुखीलाल चौधरी और उसकी पत्नी फगुनी बाई का मामला सुर्खियों में आ गया, जहां सुखीलाल ने सीधे - सीधे बड़वारा थाना प्रभारी अंकित मिश्रा पर आरोप जड़ दिया कि उनके प्रताड़ना से तंग आकर उसने और उसकी पत्नी ने जहर खा लिया था जिसमें वह तो किसी तरह बच गया लेकिन उसकी पत्नी अंकित मिश्रा के कहर का शिकार हो कर दुनिया को अलविदा कर गई। मामला कलेक्टर के पास भी रखा गया लेकिन फ़रियादी को कुछ भी हासिल नही हुआ। 

अब ताजा मामला बस स्टैण्ड चौकी से सामने आया है, जहां अंकित मिश्रा के पदस्थ होते हीं एक सटोरिए शंकर सिंह चौहान के उपर घातक हमले कर दिए गए जिसका सी सी टीव्ही फुटेज भी जारी हो गया। बहरहाल अभी एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें बस स्टैण्ड चौकी से महज एक फर्लांग की दूरी पर दो शराबी नशे की हालत में लड़ते हुए नजर आ रहे हैं जो बिना डर भय के सार्वजनिक जगह पर आतंक मचाते नजर आ रहे हैं। वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि जलती हुई लकड़ी से एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं ऐसे में वहां मौजूद लोगों में भारी दहशत का माहौल देखने को मिल रहा था।

खैर चंद देर बाद पुलिस आई और दोनों को पकड़ कर चौकी ले गई। सुबह जब इस घटना की जानकारी ली गई तो पता चला कि दोनों पक्षों में समझौता करा कर चौकी प्रभारी ने सम्मान पूर्वक उन्हें विदा कर दिया है। अब सवाल यह उठता है कि सार्वजनिक स्थान पर शांति भंग करने के एवज में कार्यवाही क्यों नही की गई? बस ऐसी हीं कुछ खासियत है अंकित साहब की जिसके चलते वे हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। अब उन दोनों शराबियों की विदाई में चौकी प्रभारी जी का क्या भला हुआ ये तो उपर वाला हीं जाने। बहरहाल अगर आप बस स्टैंड चौकी की जद में रह रहे हैं, तो थोड़ा सतर्क रहिए बाकी तो भगवान मालिक हैं हीं..।


रवि कुमार गुप्ता : संपादक 

( जन आवाज ) 

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