सरकारी अस्पताल में मानवीय संवेदनाओं का हुआ कत्ल.?

कटनी। कटनी के जिला अस्पताल में आपको बेहतर इलाज मिले इसकी कोई गारंटी नहीं हैं। लेकिन इलाज की जगह आपको देव दर्शन होने की पूरी गारंटी है। आपको बतादें देव दर्शन भी ऐसे वैसे देवता के नहीं बल्कि यमदेव महाराज के.? दर्शन से बात बन जाती तो बात और थी यहां तो सीधे यम के लोक तक पहुँचाने की भी सम्पूर्ण व्यवस्था कर ही देते हैं? जिन डॉक्टर को आप और हम धरती का भगवान कहते हैं असलियत में ये धरती के शैतान से कम नहीं हैं? जो बिना टिकट के यमलोक की यात्रा करवाने में इन्हें महारत हासिल है। 

जुटाई गई जानकारी के अनुसार सोमवार को सतना जिला के अमदरा स्वास्थ्य केंद्र से सिर पर चोट लगने के कारण 50 वर्षीय घायल रमाकांत को कटनी जिला अस्पताल रेफर किया गया था। सबसे बड़ी बात ये है कि पूरे होश हवास में रहने के बाद भी अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ घायल रमाकांत को पागल और लावारिस बताकर इलाज करना तो दूर कड़कड़ाती ठंड में उसे हकीकत में लवारिस बना मरने के लिए छोड़ दिया गया था। लेकिन मानवसेवा का पाखंड करने वाला जिला अस्पताल प्रशासन और नर्सिंग स्टाफ रमाकांत की सुध लेना तक मुनासिब नहीं समझा। 

आखिरकार नर्सिंग स्टाफ की ये मंशा भी पूरी हुई, और मंगलवार की रात सवा नौ बजे यमराज जैसे देव का दिल पसीजा और रमाकांत को नर्सिंग स्टाफ के चुंगल से छुड़ाकर अपने साथ लेकर चले गए। आपको बताते चलें कि रमाकांत को यदि समय पर इलाज मिल जाता तो शायद उसे लेने यमराज को अपने यमदूत ना भेजना पड़ता। 

खैर शव को अस्पताल के मुर्दाघर में पोस्टमार्टम के लिए रखवाया गया है। पुलिस पंचनामा तैयार कर जांच में जुट गई है। ये ह्रदय विदारक मंजर उस समय का है जब कटनी के जिला अस्पताल में सागर की जांच टीम अस्पताल का मुआयना कर रही थी।  धन्य है सरकारी अस्पताल का भगवान।


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