मतगणना केन्द्रों में मंत्रियों को प्रवेश की अनुमति नहीं

कटनी। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार राज्य एवं केन्द्र शासन के मंत्रियों अथवा राज्य मंत्रियों को मतगणना केन्द्रों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी । मंत्रीगण केवल उस स्थिति में ही मतगणना केन्द्रों में प्रवेश पा सकेंगे जबकि वो खुद विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार हों। वो केवल उसी विधानसभा क्षेत्र के मतगणना कक्ष में प्रवेश कर सकेंगे जहां से वे चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन ऐसी स्थिति में उनकी सुरक्षा के लिए तैनात सशस्त्र गार्डों को मतगणना केन्द्र के भीतर प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा । निर्वाचन आयोग ने अपने निर्देशों में यह भी कहा है कि केन्द्र एवं राज्य शासन के मंत्री अथवा राज्य मंत्री चूंकि सशस्त्र सुरक्षा गार्ड प्राप्त होते हैं इसलिए उनको किसी उम्मीदवार का चुनाव अभिकर्ता या गणन अभिकर्ता भी नियुक्त नहीं किया जा सकेगा ।

विधानसभा चुनाव 

मतगणना केन्द्र पर चलेगा पता किसको कहां की करनी है गणना 

मतगणना प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता एवं निष्पक्षता सुनिश्चित करने की निर्वाचन आयोग की मंशा के अनुरूप मतगणना के लिए नियुक्त अधिकारियों-कर्मचारियों को मतगणना स्थल पहुंचने पर ही यह बताया जायेगा कि उन्हें किस विधानसभा क्षेत्र की किस टेबल पर मतों की गणना करनी है। मतगणना कार्य से संबद्ध सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मतगणना स्थल में प्रवेश हेतु परिचय पत्र जारी किये जायेंगे। आयोग के निर्देश के मुताबिक मतगणना के दिन मतगणना अधिकारियों को मतगणना केन्द्र पर प्रातः 6 बजे पहुंचना होगा । गोपनीयता की दृष्टि से इन अधिकारियों को विधानसभा क्षेत्र या मतगणना टेबिल नंबर की जानकारी पहले से नहीं दी जायेगी।

चुनाव आयोग के प्रेक्षक तथा जिला निर्वाचन अधिकारी मतगणना के लिए प्रातः 5 बजे एक स्थान पर तीसरे और अंतिम चरण के रेण्डमाईजेशन हेतु एकत्रित होंगे। इसी समय जिला निर्वाचन अधिकारी मतगणना हेतु जिले के प्रशिक्षित अधिकारियों-कर्मचारियों की सूची प्रेक्षकों को सौंपेंगे। इसमें गणना पर्यवेक्षक तथा अन्य गणना सहायकों के नामों की सूची होगी। रेण्डमाइजेशन होने के तत्काल बाद निर्वाचन क्षेत्रवार पोस्टिंग (नियुक्ति) सूचियां प्रातः 6 बजे संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों को सौंपी जायेंगी।

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