एग्जिट पोल धारी दिखाना शुरू करेंगे सरकार बनने की कलाबाजी

लम्बी खामोशी के बाद गुरुवार की शाम 6 बजे तेलंगाना में हो रहे मतदान का समय समाप्त होते ही तेलंगाना समेत मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में कौन-सी पार्टी सरकार बनाने जा रही है के एग्जिट पोलों का चिल्ल-पों शुरू हो जायेगा। पांच राज्यों में सत्तारूढ़ पार्टियां वर्तमान रहेंगी या भूतपूर्व होंगी इसका सही पता तो मतगणना के बाद 3 दिसम्बर को ही चलेगा फिर भी बहुत कुछ खुलासा होने लगेगा।

हिन्दी पट्टी के राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जहां सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच दिखाई दिया है वहीं यह तेलंगाना में बीआरएस और कांग्रेस के बीच दिखा है। मगर मिजोरम में जरूर त्रिकोणीय मुकाबला मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) - कांग्रेस और जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के बीच संभावित है।

पांचों राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा एकमात्र मोदी के चेहरे तथा जातीय और धार्मिकता के आधार पर वोटरों का धुव्रीकरण करने का प्रयास करते हुए दिखी है वहीं प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मंहगाई, बेरोजगारी, साम्प्रदायिकता को वोटरों के बीच उठाकर वोट मांगे हैं। खास बात यह है कि पांचों राज्यों में जहां भाजपा ने  सी एम चेहरे के बिना चुनाव लड़ा है वहीं कांग्रेस ने हर राज्य में अपने सी एम चेहरे को सामने रखा है।

2024 के आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए मोदी ने पार्टी को दूजे पायदान पर रखकर पांचों राज्यों में अपनी पूरी ताकत झोंकी है। इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि पांचों राज्यों में चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी (भाजपा) की ओर से मतदाताओं से कोई वादा नहीं किया गया है जो भी वादा किया गया वह केवल और केवल नरेन्द्र मोदी के द्वारा मोदी की गारंटी के नाम पर किया गया है। इसलिए कहा जा सकता है कि भाजपा से ज्यादा नरेन्द्र मोदी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है, वैसे भी 2014 से भाजपा एक निष्ठ व्यक्ति की प्रोपराइटर शिप पार्टी बनकर रह गई है।

चुनावी परिणाम तो 3 दिसम्बर को सामने आयेगा कि किस पार्टी का राज्याभिषेक होगा और किसका वनाभिषेक । मगर तीन दिन तक एग्जिट पोल धारियों द्वारा तो अपनी - अपनी विचारधारा के तहत सरकार बनने के अनुमान पेश किए जाने का सिलसिला जारी रहेगा। चुनाव में जहां राजनीतिक पार्टियों के बीच मुकाबला रहा है वहीं एग्जिट पोल में बड़े न्यूज चैनल्स वह भी खासतौर पर गोदी मीडिया और यूट्यूब न्यूज चैनल्स के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा। अभी तक जहां गोदी मीडिया पांचों राज्यों में मोदी का विरुदावली गायन करते हुए भाजपा की सरकार बनने का तो यूट्यूब चैनल्स कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दलों की ताजपोशी बता रहे थे क्या गुरुवार की शाम से रविवार की सुबह तक भी वही बताते हैं या फिर कुछ और ! 

अश्वनी बडगैया अधिवक्ता

स्वतंत्र पत्रकार

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