बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुभानाल्ला
अभी कुछ दिन पहले विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय पाठक ने खुद के लिए मतदान कराकर 70 - 75 फीसदी वोट मिलने का ऐलान किया था। ठीक उसी तरह जैसे कोई खुद को दौड़ में अव्वल आने की घोषणा करे और जब उससे पूछा जाये कि कितने लोग दौड़ में शामिल हुए थे तो जबाव मिले मैं अकेला दौड़ा था।
संजय पाठक की करनी की चर्चा पर विराम भी नहीं लग पाया और बडवारा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी घोषित किये गये धीरेन्द्र सिंह ने एक कदम आगे बढ़ते हुए खुद को विधायक बताने वाले पोस्टर ही लगा डाले।
संजय ने तो खुद ही वोटिंग करवाई थी धीरेन्द्र ने तो न तो खुद वोटिंग करवाई और न चुनाव आयोग द्वारा वोटिंग करवाने का इंतजार किया। उसने तो खुद को विधायक ही बना और बता डाला। और वह भी तब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बी डी शर्मा द्वारा लावलश्कर के साथ कटनी जिले में यात्रा निकाली जा रही है। इसे कहते हैं "हर्र लगे न फिटकरी रंग चोखा"।
धीरेन्द्र की इस अवैधानिक हरकत को भाजपा हाईकमान की मौन स्वीकृति क्यों न माना जाय। वैसे भी अभी तक तो धीरेन्द्र के इस कृत्य पर दायित्वाधीनों ने अपने आठों को सिलकर ही रखा है। कांग्रेस ने जरूर राजनीतिक लाभ के लिए आवाज उठाई है। क्या कांग्रेस में शामिल विधि वेत्ताओं की फौज कानूनी कार्रवाई करने का विकल्प भी तलाशेगी ?
अश्वनी बडगैया अधिवक्ता
स्वतंत्र पत्रकार
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