92 वर्ष की उम्र में भी मतदान को लेकर उत्साह यंग मतदाता जैसा
कटनी। 92 साल की उम्र...लेकिन मतदान को लेकर जज्बा और उत्साह आज भी नवमतदाता जैसा। ये हैं कटनी जिले के माधवनगर क्षेत्र निवासी प्रीतमदास मदनानी (धामेचा)...जिन्होंने पिछले 66 वर्षों में स्थानीय निर्वाचन से लेकर लोकसभा निर्वाचन तक किसी भी निर्वाचन में मतदान का कोई भी मौका नहीं गंवाया..और एक जागरूक मतदाता होने की जिम्मेदारी निभाते हुए हर चुनाव में अपने लड़खड़ाते कदमों के बावजूद मतदान किया और देश और प्रदेश के प्रति अपने नागरिक होने के कर्तव्य को निरंतर अच्छी तरह निभाते आ रहे हैं।
विभाजन के बाद भारत में आकर बसे प्रीतमदास
92 वर्षीय वयोवृद्ध प्रीतमदास ने अपने शुरुआती जीवन को याद करते हुए बताया कि वे भारत पाकिस्तान विभाजन की त्रासदी सहकर अपने परिवार सहित भारत में आकर बसे और करीब 72 वर्ष पूर्व वे कटनी आए।
सन् 1957 में किया पहला मतदान
वयोवृद्ध श्री मदनानी ने बताया कि उन्होंने करीब 26 वर्ष की उम्र में सन् 1957 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पहली बार मतदान माधवनगर के रॉबर्ट लाइन पुत्री शाला में बने पोलिंग बूथ में जाकर किया था। जो कि उनके घर से करीब 2 किलोमीटर दूर था जहां वो अपनी साइकिल से पहली बार मतदान करने पहुंचे थे।
तब मतदान केंद्रों में नहीं होती थी आज की तरह सुविधा
निर्वाचन के उस दौर को याद करते हुए प्रीतमदास ने बताया कि उस वक्त आज की तरह मतदान केंद्रों में मतदाताओं के लिए इतनी सुविधा नहीं होती थी और घंटों कतार में खड़े रहना पड़ता था। मतदान केंद्रों में न छाया की व्यवस्था होती थी और न ही पानी की कोई व्यवस्था। लेकिन हम तब भी देश के प्रति अपना फर्ज और अपने क्षेत्र के विकास के लिए एक अच्छी सरकार चुनने पूरे उत्साह से मतदान में हिस्सा लेते थे।
पहले अलग - अलग दलों की होती थी अलग मतपेटियां
उन्होंने बताया कि उनके मतदान के शुरुआती दौर में उस वक्त के राजनैतिक दलों और स्वतंत्र उम्मीदवारों सहित प्रत्याशियों की अलग अलग मतपेटी होती थी तथा जिस उम्मीदवार को उन्हें वोट देना होता था उसकी पेटी में वो मुहर लगाकर अपना मतपत्र डालते थे। इसके बाद कई वर्षों तक उन्होंने फिर एक ही मतपेटी पर बैलट पेपर पर अपने पसंदीदा प्रत्याशी के चुनाव चिन्ह के सामने मुहर लगाकर मतदान किया।
आज काफी आसान हो गया है मतदान
उन्होंने आगे बताया कि अब मतदान पहले से काफी आसान हो गया है। अब बैलट पेपर की जगह ईवीएम मशीन आ गई है। मतदान केंद्र भी घर से ज्यादा दूर नहीं रहते। उनके जैसे बुजुर्ग मतदाताओं को घर से मतदान केंद्र तक लाने ले जाने के लिए प्रशासन सुविधा मुहैया कराने लगा है। घंटो की बजाय मिनटों में मतदान हो जाता है। मतदान केंद्रों में पानी, छाया से लेकर बैठने और आकस्मिक चिकित्सा तक की व्यवस्था उपलब्ध रहती है।
हर मतदाता को जरूर करना चाहिए मतदान
वयोवृद्ध प्रीतमदास ने बताया कि आजतक उन्होंने किसी भी निर्वाचन में मतदान करने का कोई भी अवसर न गंवाते हुए देश और प्रदेश के प्रति अपना कर्तव्य भली भांति निभाया और आगे भी इसे निभायेंगे। उन्होंने सभी मतदाताओं से अपील भी की कि सभी मतदाताओं को अपने क्षेत्र, प्रदेश और देश के सर्वांगीण विकास के लिए अपना मतदान अवश्य करना चाहिए।
कलेक्टर ने किया जज्बे का सम्मान
66 वर्षों से मतदान को लेकर जागरूक मतदाता होने का कर्तव्य निभा रहे प्रीतमदास के जज्बे को सलाम करते हुए आज शाम कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद उनके निवास पहुंचे। जहां उन्होंने शाल और श्रीफल से उनका सम्मान करते हुए उन्हें मतदाताओं के लिए प्रेरणास्त्रोत निरूपित किया।
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