विजयराघवगढ़ विधानसभा में शिक्षा माफिया का घूम रहा है जिंदा भूत
आपको बता दे कि शिक्षा को लेकर किस तरह से फर्जीवाड़ा हो रहा है यह देखना हो तो कहीं और जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि मध्य प्रदेश के कटनी जिले की विजय राघव गढ़ विधानसभा में जीता जागता नमूना देखने मिल जाएगा। जी हां यह वही विधानसभा है जिसका विधायक कोई और नहीं बल्कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार का भाजपा विधायक संजय पाठक है। आपको बता दें कि विजय राघव विधानसभा के बरही नगर में शिक्षा माफियाओं का जाल इस कदर बुना जा रहा है कि भोले भाले छात्र छात्राओं को इस जाल में फंसा कर पैसों की डकैती डालने के साथ भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए अंधेरे कुएं में धकेले जा रहा है जो संगीन अपराध करते हुए शिक्षा माफिया अपनी तिजोरी भरने में लगे हुए हैं, और जिम्मेदार इन शिक्षा माफियाओं पर संरक्षक बनकर फलने फूलने का आशीर्वाद बरसा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार बरही नगर में हुनर आईटीआई कॉलेज के नाम से सैकड़ों छात्र - छात्राओं के भविष्य के साथ मजाक किया जा रहा है। हालांकि हुनर आईटीआई कॉलेज के फर्जीवाड़े की जानकारी जिला स्तर से लेकर प्रदेश की राजधानी भोपाल में बैठे शासन एवं प्रशासनिक स्तर के हर जिम्मेदार को सब कुछ मालूमात होने के बावजूद भी आंखों पर ना जाने किस कंपनी का चश्मा चढ़ाए बैठे हुए हैं जिस कारण कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। हुनर आईटीआई के संचालक के फर्जीवाड़ा का शिकार हुए छात्रों ने नीचे से लेकर ऊपरी स्तर तक गुहार लगाई लेकिन जिम्मेदारों को ना ही कुछ दिखाई दे रहा है और ना ही कुछ सुनाई दे रहा है। जिम्मेदारों के द्वारा शिक्षा माफियाओं पर कार्यवाही ना करना और उन्हें अभय दान देना इस बात की ओर इशारा करता है कि नीचे से लेकर ऊपर तक सब के सब भ्रष्टाचार की चासनी में डूबे हुए हैं। छात्रों का भविष्य बर्बाद होता है तो हो जाए इनकी बला से?
जुटाई गई जानकारी के अनुसार जब जन आवाज न्यूज की टीम ने जमीनी स्तर पर बरही नगर में हुनर आईटीआई कॉलेज की जमीनी हकीकत की पड़ताल की तो वहां पर इस नाम का जहां पर छात्रों को ट्रेनिंग दी जाती हो ऐसी कोई जगह एवं आईटीआई हुनर कॉलेज का भवन नजर तो नहीं आया। लेकिन शासन और प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने और बरगलाने के लिए शातिर आईटीआई के संचालक के द्वारा लगाया गया हुनर आईटीआई कॉलेज का एक बोर्ड जरूर नजर आया वह भी बरही की जगह एक अन्य स्थान पर। साथ ही इसका पोर्टल भी खुला हुआ देखा जा सकता जिससे एडमिशन किया जा सके। हुनर आईटीआई कॉलेज का संचालक इतना बड़ा हुनर बाज निकला इसे देखकर आश्चर्यचकित होना लाजमी है।
आपको बता दें कि जानकारों का मानना है कि हुनर आईटीआई पिछले 8 - 9 साल से संचालित हो रही है। एडमिशन भी किए जा रहे हैं, लेकिन केवल कागजों में। जबकि हुनर आईटीआई नाम से विजयराघव गढ़ विधानसभा के बरही नगर में कॉलेज के नाम से केवल भ्रम फैलाते हुए लोगों से मोटी - मोटी कमाई की जा रही है। सूत्रों पर भरोसा करें तो फर्जी तरीके से एडमिशन देकर मार्कशीट भी थमाई जाती है।
शासकीय आईटीआई के प्राचार्य सलामे ने हुनर आईटीआई की जमीनी हकीकत को जानने और परखने के लिए बरही नगर में पहुंचे तो उनके भी होश उड़ गए। शासकीय आईटीआई प्रचार ने भौतिक सत्यापन में पाया कि हुनर आईटीआई कॉलेज की बिल्डिंग उक्त स्थान पर संचालित नहीं है।
मुख्य इस प्रकार है बिंदु :
1- पंकज तम्रकार बरही के भवन में 2015-16 से 2017-18 तक हुनर आईटीआई संचालित था। लेकिन जहां आज तीन वर्ष से डीएवी स्कूल चल रहा है ।
2- तीन साल से जमीनी स्तर पर गायब हुनर आईटीआई बरही में हर साल 100 से अधिक एडमिशन हो रहे हैं ।
3- गायब आईटीआई के जो भूत संचालक है वह अपनी फर्जी आईटीआई को प्रदेश मुख्यालय डिप्टी डायरेक्टर की कृपा से जीवित रखे हुए है⁉️
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