एल आई सी बिल्डिंग के पिछवाड़े चले रहे सट्टा का वीडियो सोशल मीडिया में आने से खाकी की खुल गई पोल
कटनी। माधव नगर थाना सबसे कीमती थाना माना जाता है। क्योंकि इस थाने क्षेत्र में हर गैरकानूनी काम की मौन अनुमति प्रदान की जाती है? जिसके लिए थाना प्रभारी से लेकर एक अदने से सिपाही तक का रेट फिक्स होता है।
आपको बता दें कि माधव नगर उप नगरीय के नाम से भी जाना जाता है, जहां पर तमाम नकली सामान का कारोबार फलता फूलता है? यही वजह है कि इस थाने का थाना प्रभारी बनने के लिए मुंह मांगी कीमत देने को तैयार रहते हैं। सीधी सी बात है अब जो भी थाना प्रभारी मोटी रकम देकर माधव नगर थाने का पदभार लेगा उसे वसूलने के लिए तमाम गैर कारोबारियों को संरक्षण देकर अवैध काम तो करवाएगा ही? इसी की एक बानगी सोशल मीडिया में सुर्खियां बनकर माधवनगर पुलिस की सारी ईमानदारी की पोल खोल कर रख दी है। आपको बता दें कि माधव नगर थाना क्षेत्र में एलआईसी बिल्डिंग के पीछे काटी जा रही सट्टा पर्ची का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद माधवनगर पुलिस के हाथ पैर फूल गए और पुलिस की मजबूरी बन गई कार्यवाही करने की।
हालांकि इस कार्यवाही को करने में पुलिस को खून का घूंट पीकर अपना दर्द छुपाना पड़ा। और सट्टा पर्ची काटने वाले ओम प्रकाश सोनी, राजेंद्र वर्मा, वेद कुमार पटेल और बृजभूषण पटेल पर कार्यवाही करते हुए अपनी ईमानदारी की मुनादी पिटवाकर वाहवाही लूट ली गई।
सूत्रों पर भरोसा करें तो किसी भी थाना क्षेत्र में किसी भी अवैध कारोबार को करने की गुस्ताखी अवैध कारोबारी तब तक नहीं कर सकते जब तक उस थाने के प्रभारी की अनुमति ना हो। तमाम अवैध कारोबार को संचालित करवाने के लिए बतौर थाना प्रभारी अपनी और अपने स्टाफ की कीमत तय करने के बाद ही मौन रूप से अनुमति प्रदान करते हैं। यदि सट्टा की बात और सूत्रों पर भरोसा करें तो थाना माधव नगर में चल रहे सट्टे को लेकर थाना प्रभारी 60 हजार रुपये अपनी कीमत तय कर अनुमति प्रदान करते है। बाकी स्टाफ का सटोरिया खुद उनके ओहदे के हिसाब से पूर्ति करता है। यही हाल थाना माधव नगर के झिंझरी चौकी का भी है जहां 35 हजार में एक सटोरिया से तय किया जाता था। फिलहाल झिंझरी चौकी प्रभारी नीरज दुबे के आने के बाद उस क्षेत्र का माहौल सटोरियों के लिए गमगीन बना हुआ है।
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