थाना प्रभारी रश्मि सोनकर ने पीड़ित को थाने में दिया थर्ड डिग्री का इलाज
कटनी/ बड़वारा। इन दिनों पुलिस विभाग में एक नाम बड़ा ही चर्चा का विषय बना हुआ है। वो कोई और नहीं, बल्कि बड़वारा थाना प्रभारी रश्मि सोनकर है।
सूत्र बताते हैं कि ये मोहतरमा आरोपी पक्ष से सेटिंग करने में भी माहिर है? जानकार तो यहां तक बताते हैं कि यदि आरोपियों से सेटिंग हो गई तो फिर समझो पीड़ित पक्ष की शामत आ गई?
कुछ इसी तरह का मामला बड़वारा थाना क्षेत्र मुहास से लेकर जिला मुख्यालय तक चर्चा का विषय बना हुआ है।
जुटाई गई जानकारी के अनुसार बड़वारा थाना क्षेत्र अंतर्गत 21 जून को मुहास के एक परिवार में जेठानी देवरानी में विवाद हो गया। विवाद बड़ा होता देख देवरानी सोमवती कुम्हार 100 डायल को फोन कर बुलाया। 100 डायल में मौजूद पुलिस ने पीड़ित सोमवती कुम्हार को थाने आकर रिपोर्ट लिखाने की नसीहत दी। फिर क्या था सोमवती को बड़वारा थाना प्रभारी रश्मि सोनकर के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त करना इतना महंगा पड़ गया की थाना प्रभारी रश्मि सोनकर ने पीड़ित सोमवती को जानवरों की तरह इतना मारा की अब वह जिंदगी और मौत से लड़कर एक-एक सांस लेने तक के लिए मोहताज हो रही है।
पीड़ित महिला सोमवती रश्मि सोनकर के करतूत की जानकारी अपने पति को मोबाईल से दे रही थी। तभी थाना प्रभारी सोनकर ने उसका मोबाईल छीन लिया। किसी तरह सोमवती अपनी जान बचा कर थाने से भागकर बड़वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती हुई। गंभीर चोट होने के कारण कटनी के जिला अस्पताल में भर्ती सोमवती का इलाज चल रहा है। बमुश्किल मीडिया के सामने कराहती हुई सोमवती ने बताया कि बिजली की तार को लेकर जेठ जेठानी और उसके बेटे से विवाद हो गया था। जिसकी रिपोर्ट लिखाने के लिए सोमवती बड़वारा थाना पहुंची। जहां पर घंटों बैठे रहने के बाद थाना प्रभारी रश्मि सोनकर ने आरोपी पक्ष को थाने में बुलाने की बात कही। घंटों इंतजार करने के बाद भी रिपोर्ट लिखना तो दूर की बात थाना प्रभारी रश्मि सोनकर ने शिकायतकर्ता सोमवती को थाने में ही ठूंसा, लात और जूता से इस कदर मारा जैसे वह शिकायतकर्ता नही बल्कि कोई आतंकवादी हो।
थाना प्रभारी रश्मि सोनकर के द्वारा किया गया टॉर्चर थर्ड डिग्री से कम नहीं था। जिसका अंदाजा सहज ही अस्पताल में भर्ती हुई सोमवती को देखकर लगाया जा सकता है। सोमवती के साथ-साथ थाने में मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने उसके पति राजू के साथ भी मारपीट की। जिसकी लिखित शिकायत सोमवती ने पुलिस अधीक्षक को देते हुए मुलायजा करा कर न्याय की गुहार लगाई है। अब देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा कि क्या पुलिस कप्तान अपने ही विभाग की थाना प्रभारी पर उचित कार्यवाही करेंगे। या फिर थाना प्रभारी रश्मि सोनकर द्वारा निर्दोषों के साथ जानवरों जैसा बरताव करती रहेंगी, जो कि एक बेहद ही अमानवीय और घिनौना कृत्य है। इस पूरे मामले में जब आज जन आवाज ने पुलिस अधीक्षक से मिलना चाहा तो मुलाकात नहीं हो सकी।
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