घर के अंदर चल रहा सट्टा पुलिस कहती है बंद है


कटनी।  थानेदार अजय बहादुर सिंह जब से कोतवाली का प्रभार संभाले है, तब से कोतवाली क्षेत्र में सट्टा का कारोबार बंद पड़ा है, ऐसा कहना है कुछ सटोरियों और खुद कोतवाली थानेदार का। हालाकि ये सच है लेकिन पूरी तरह सच है ये कहना बेईमानी होगी।

 जुटाई गई जानकारी के अनुसार कोतवाली थाना अंतर्गत बिलैया तलैया सब्जी मंडी में कई दशक पुराना एक सटोरिया सट्टा के कारोबार में फिर से सक्रिय हो गया है। आपको बता दे कि सब्जी मंडी स्थित चक्रवर्ती मार्केट के पास ओपन टू क्लोज का अवैध धंधा बिना किसी रोक टोक के घर के अंदर से लेकर घर की चौखट में बैठ कर सट्टा की बुकिंग की जा रही है। अब ये जरूरी तो नहीं कि ओपन टू क्लोज जैसे कारोबार को करने के लिये सफेद, पीली, गुलाबी रंग वाली पर्ची काटकर सट्टा प्रेमियों को दी जाये। दशकों पुराने इस सटोरिया ने अपने खिलाड़ियों का जो भरोसा जीता है ये उसी का नतीजा है कि सट्टा प्रेमी बिना किसी पर्ची लिए तिक्की, चौआ, पंजा वाला दांव लगा कर अपनी बरबादी की चिंता किये बगैर सटोरिया को माला माल कर खुद कंगाल हो रहे है। ये एक अलग बात है कि कभी किस्मत ने साथ दे दिया तो उस दिन खिलाड़ी की चांदी हो जाती है बाकी दिन तो सटोरिया की ही बल्ले -  बल्ले रहती है। आपको बता दे कि कल रात जब मैं सब्जी मंडी से सब्जी लेकर सटोरिया के घर के सामने से गुजर रहा था तभी वहां पर सट्टा खेलने वाला एक शख्स पांच सौ रुपये की तिक्की नंबर पर दांव लगा रहा था। 

सबसे मजेदार और चौकानें वाली बात ये है कि आम आदमी से लेकर सट्टा प्रेमियों को इस बात की जानकारी है कि सब्जी मंडी में पुराने सटोरिया का कारोबार फिर शुरू हो गया है और खेलने वाले खेल भी रहे है, लेकिन सट्टा जैसे कारोबार करने वाले सटोरियों से अपना हिस्सा लेने वाली पुलिस को इस बात की जानकारी न हो ये बात समझ से परे और हजम करना जरा मुश्किल वाली बात है। कोतवाली पुलिस को सट्टा खिलाये जाने की जानकारी न हो और पुलिस अपना हिस्सा न ले रही हो और खेल चलता रहे क्या ये संभव हो सकता है..? लेकिन सूत्र तो कुछ और ही कह रहे है। 

खैर आपको आगे बताते चले कि ये चौथी क्लास फेल सटोरिया आज की तारीख में किसी करोड़पति से कम नहीं है। यदि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर पुलिस इसकी संपत्ति की खोजबीन करे तो सब कुछ आईने की तरह साफ हो जायेगा। लेकिन कटनी पुलिस में इतनी हिम्मत और वो जज्बा कहां जो ऐसे अवैध कारोबार करने वालों के गड़े मुर्दे उखाड़ सके? लेकिन ये बात अलग है कि किसी बेगुनाह को गुनहगार बनाने का यदि किसी सत्ता के मठाधीश का आदेश या इशारा मिल जाये तो ये खाकीधारी बिना देर किए मठाधीश के आदेश का पालन करने में अपने आप में गर्व महसूस करेंगे। इतना ही नहीं इस काम के लिए यदि इन्हे बहादुरी का प्रशस्ति पत्र दिया जाये तो उसे मिलने पर गौरान्वित भी महसूस करेंगे। 

No comments

Powered by Blogger.