राजस्व ग्राम बनते ही बदलने लगी कारोपानी की तस्वीर, कलेक्टर ने साकार किया ग्रामीणों के खेल मैदान का सपना


कटनी। जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा की ग्राम पंचायत कचनारी का ग्राम कारोपानी...जहां के युवाओं और बच्चों के लिए गांव में विकसित खेल मैदान का होना एक सपना सा था। लेकिन उनके इस सपने को हकीकत में बदल कर कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद ने इस गांव की तस्वीर और तकदीर बदलने की शुरुआत कर दी है। कलेक्टर प्रसाद के अथक प्रयास से यह वन ग्राम अब राजस्व ग्राम बन चुका है और यहां बदलाव के सूरज की पहली किरण खेल मैदान के रूप में आ पहुंची है। 

ग्रामवासियों ने की थी मांग


ग्राम कारोपानी के वन ग्राम होने की वजह से यह गांव विकास की दौड़ में काफी पीछे रह गया है। बुनियादी जरूरतों के लिए मोहताज क्षेत्रीय जनों विशेषकर बच्चों और युवाओं ने मांग  कलेक्टर प्रसाद से यहां खेल मैदान बनाने की मांग की थी। जिसे जल्द पूरा करने का आश्वासन उन्हें कलेक्टर प्रसाद ने दिया था।

बदलने लगी ग्रामवासियों की तकदीर

कलेक्टर अवि प्रसाद के अथक प्रयास से वन ग्राम कारोपानी के राजस्व ग्राम में तब्दील होते ही यहां विकास के रंगों से तस्वीर बदलना शुरू हो गई। कलेक्टर प्रसाद द्वारा यहां खेल मैदान विकसित करने के निर्देश मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा को दिए थे। कलेक्टर प्रसाद द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप कारोपानी ग्राम में मनरेगा मद से खेल मैदान निर्माण का कार्य कराया जा रहा था, जो अब पूर्ण हो चुका है। अपनी मांग पूरी होने पर क्षेत्रीय जनों ने कलेक्टर प्रसाद का आभार जताया है। 

मनरेगा मद से महज 4 माह में हुआ निर्माण

कलेक्टर प्रसाद द्वारा ग्राम कारोपानी में खेल मैदान निर्माण के लिए करीब 3 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति मनरेगा मद से प्रदान की थी और ग्राम पंचायत कचनारी को नोडल एजेंसी बनाते हुए उक्त कार्य गुणवत्ता पूर्ण और समय पर कराए जाने के निर्देश गत वर्षांत दिसंबर माह में दिए थे। कलेक्टर प्रसाद के कुशल मार्गदर्शन में महज साढ़े 4 माह में ही मैदान बनकर तैयार भी हो गया।  

खेल सामग्री मिलने पर खुशी हुई दोगुनी

खेल मैदान की मांग पूरी होने के साथ साथ कलेक्टर प्रसाद के निर्देश पर गांव के बच्चों और युवाओं को खेलने के लिए खेल सामग्री भी मिलने से उनकी खुशी दुगुनी हो गई है। उन्होंने कलेक्टर प्रसाद का आभार व्यक्त करते हुए खेल मैदान संरक्षण और खेल विधा में पारंगत होने का संकल्प लिया है।

            रवि कुमार गुप्ता, संपादक (जन आवाज)

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