कांग्रेस नेता और भाजपा के पूर्व मंत्री की मुलाक़ात हुई वायरल , दल बदल के लगने लगे कयास?
पूर्व में भी लगते रहे हैं क़यास
कांग्रेस के एक पूर्व पार्षद ने नाम ना छापने की शर्त में बताया की पूर्व में हुए नगर निगम के चुनाव में पूर्व महापौर वीजेंद्र मिश्रा उर्फ़ राजा भैया ने ख़ुद को नगर निगम चुनाव से पूरी तरह अलग कर लिया था, और उनके परिजन उसी दौरान बीजेपी महापौर प्रत्याशी के साथ एवं पूर्व मंत्री संजय पाठक के साथ सोशल मीडिया में अपनी फोटो शेयर करने लगे थे। जिससे ये क़यास लगाये जाने लगे थे कि वह अब बीजेपी का दामन थाम लेंगे। मुख्यमंत्री की कटनी में हुई दूसरी जनसभा में इनके दोनों भतीजों शुभ मिश्रा एवं कुशल मिश्रा द्वारा बीजेपी के कार्यक्रम और मंच में जाकर मुख्यमन्त्री का स्वागत किया गया। जिसके बाद कांग्रेस के कई कार्यकर्ता खीझते हुए दिखे पर चुनाव सर पर होने की वजह से मामला शांत हो गया। जिसके बाद बताया जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इनसे नाराज़ हो गये और इनके यहाँ एक पारिवारिक कार्यक्रम में आने का कार्यक्रम तक कैंसल कर दिया था ?
चुनावी मौसम में सक्रिय हुए
विगत 15 वर्षों से सक्रिय राजनीति से दूरी बना चुके वीजेंद्र मिश्रा लंबे अंतराल बाद चुनावी मौसम में सक्रिय हो गये हैं। और कटनी विधान सभा से टिकिट माँग रहे हैं। पर सूत्र बताते हैं की कमलनाथ से टिकिट के लिये सिर्फ़ सर्वे को आधार बना लिया है और संतोष जनक सर्वे ना आने पर टिकिट मिलना मुश्किल हैं ।
बीजेपी से मिल कर चल रहे नेताओ पर कमलनाथ की नजर
सूत्र बताते हैं की कमलनाथ की गुप्त सर्वे टीम हर जिले में सक्रिय हैं और टिकिट माँगने वाले की हर गतिविधि पर नज़र रखे हुए हैं। कमलनाथ ने ऐसे नेताओं की लिस्ट बनाने के निर्देश भी दिये हैं जो बीजेपी से मिल कर राजनीति करते हैं और चुनाव के समय बीजेपी का सहयोग करते हैं।
विरोध के बावजूद हुई जिलाअध्यक्षों की नियुक्ति
सूत्र बताते हैं की वीजेंद्र मिश्रा ने पूरा ज़ोर लगाकर कांग्रेस का जिला अध्यक्ष बनने का प्रयास किया था पर पार्टी में सहमति नहीं बनी। जिसके बाद उन्होंने अपने करीबी लोगों की शहर एवं ग्रामीण अध्यक्ष की लॉबिंग शुरू की पर यहाँ भी असफ़ल रहे । और इनके कड़े विरोध के बावजूद कमलनाथ ने युवा नेताओ को अध्यक्ष पद की कमान देकर सीधा संदेश दिया की पार्टी में ब्लैकमेलिंग की जगह नहीं है।
मिलावटी डीज़ल मामले में बने थे आरोपी
पेट्रोल पंप का व्यवसाय करने वाले वीजेंद्र मिश्रा के ऊपर एक वर्ष पूर्व जिला प्रशासन द्वारा नक़ली डीज़ल की मिलावट करने के आरोप में FIR हुई थी , जिसमे इनके परिवार के फ़ार्म हाउस में कुछ टैंकरों में नक़ली डीज़ल ईवीएम मिलावट के लिये रखा मिट्टी तेल पाया गया था। कई दिन फ़रार रहने के बाद इस केस में राजा मिश्रा को ज़मानत मिल गई थी ।
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