नारी के सम्मान में भाजयुमो मैदान में
सतना। मध्यप्रदेश विधानसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह का पुतला दहन किया गया। सतना पुलिस की मौजूदगी में गोविंद सिंह के पुतले को आग के हवाले करते हुए लात जूते से रौंदा गया। मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार के चलते सतना पुलिस ने नेता प्रतिपक्ष के पुतला को बचाने का प्रयास भी नहीं किया गया। और तमाशबीनों की तरह पुलिस तब तक मूकदर्शक बनी रही जब तक कांग्रेस नेता का पुतला धूं धूं कर जल नहीं गया।
सबसे मजेदार बात तो ये है कि यदि यही पुतला विपक्ष पार्टी ने किसी भाजपा नेता का जलाया होता, तो पुलिस वाटर केनन और तमाम माकूल इंतजाम कर, अपनी जान में खेल कर सत्ता पक्ष का पुतला जलने से पहले ही, विपक्ष पर पानी की बौछार मारते हुए बचा लेती। और सत्ता पक्ष के सानमे अपने आपको सच्चा देश भक्त नहीं, बल्कि शासन भक्त के रुप में सीना चौड़ा करती हुई नजर आती। लेकीन यहां तो मामला इसके बिलकुल उलट था। सत्ता पक्ष ने विपक्ष के नेता का पुतला जला भी दिया तो भला विपक्ष क्या उखाड़ लेगी। दरसल ये पूरा बखेड़ा एक आदिवासी महिला पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर खड़ा हुआ।
आपको बता दे कि मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग की आदिवासी महिला, रानी कमलापति पर अशोभनीय टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए, भाजयुमो ने विरोध प्रदर्शन कर पुतला दहन किया गया। भाजयुमो के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह का पुतला दहन करते हुए कांग्रेस पार्टी मुर्दाबाद, गोविंद सिंह तुम होश में आओ, नारी के सम्मान में भाजपा मैदान ने, पहले लड़े थे गोरों से, अब लड़ेंगे चोरों से, गोविंद सिंह मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए, सतना में नेता जी के पुतले को आग के हवाले करवाने में पुलिस ने सहयोग करने में कहीं कोई कोताही नहीं बरती।
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