आखिर कांग्रेसी को पुलिस ने क्यों जड़ा थप्पड़

 सतना। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने से नाराज कांग्रेसी सतना शहर की सड़कों पर उतरे। सर्किट हाउस में नारेबाजी और पुतला दहन के बीच पुलिस के साथ हुई झड़प में एक पुलिस कर्मी का थप्पड़ कांग्रेसी को पड़ गया। बात इस कदर बिगड़ी कि कांग्रेसियों ने न केवल सड़क पर धरना दिया बल्कि बाद में विधायक समेत तमाम कांग्रेसी थाने भी पहुंच गए।

विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू और प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सुधीर सिंह तोमर समेत तमाम कांग्रेसी हाथों में राहुल गांधी की तस्वीर में डरो मत के नारे लिखे पोस्टर लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे। सर्किट हाउस के अंदर से निकले कांग्रेसियों ने चौराहे पर इंदिरा गांधी की प्रतिमा के सामने खड़े होकर नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने पुतला जलाने की कोशिश की तो पुलिस के साथ झूमाझटकी शुरू हो गई। सी एस पी महेंद्र सिंह खुद पुतला बुझाने में लग गए। इसी बीच किसी पुलिस कर्मी ने अंकित गुप्ता नाम के कार्यकर्ता को थप्पड़ मार दिया। यह देखते - सुनते ही कांग्रेसी भड़क गए और पुलिस कर्मियों के साथ उलझ पड़े।

उस वक्त वहां विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा, सी एस पी महेंद्र सिंह और टीआई कोतवाली भूपेंद्र मणि पांडे टीआई कोलगवां सुदीप सोनी भी मौजूद थे। सी एस पी और टीआई ने उन्हें समझाने की कोशिश की तो कांग्रेसी सड़क पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने दोषी पुलिस कर्मी को तत्काल सस्पेंड करने की मांग शुरू कर दी। सी एस पी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वे कार्रवाई करेंगे। लेकिन कांग्रेसी फैसला ऑन द स्पॉट चाहते थे। बातचीत के दौर के बाद नाराज कांग्रेसी सर्किट हाउस चौराहे पर सड़क से तो उठ गए, लेकिन वहां से सीधे सिटी कोतवाली जा पहुंचे और कार्यकर्ता को थप्पड़ मारने वाले पुलिस कर्मी के निलंबन की मांग पर अड़ गए। 

प्रदर्शनकारियों में विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा, प्रदेश उपाध्यक्ष सुधीर सिंह तोमर, पार्षद अशरफ अली बाबा, रावेंद्र सिंह मिथलेश, पंकज कुशवाहा, पूर्व पार्षद राजदीप सिंह मोनू, विक्रांत त्रिपाठी विक्की, रीतेश त्रिपाठी आदि रहे मौजूद



    

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